एक ऊबी हुई गृहिणी लिली हॉल अपनी उत्तेजना के लिए तरसती है। एक अजीब आदमी उसे बेतहाशा इच्छाओं की पेशकश करता है। वह उत्सुकता से उसे खुश करती है, अपने मुंडा, स्वादिष्ट खजाने को प्रकट करती है। वह उसमें गोता लगाता है, उसके जुनून को प्रज्वलित करता है। उनकी तीव्र मुठभेड़ से एक गंदा, संतोषजनक चरमोत्कर्ष होता है।